‘जस्ट ट्रांजीशन’ पर एक इंटरएक्टिव ऑनलाइन वर्कशॉप

December 23, 2021 | 11:00 am 3:15 pm
Virtual (Zoom)

जस्ट ट्रांजिशन यानी अपने ऊर्जा ढांचे को जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा की जगह क्लीन एनर्जी में बदलने के लिए रास्ते में आने वाले की दुशवारियों/ चुनौतियों को जानने समझने और उनका हल ढूँढने के लिए क्लाइमेट ट्रेंड्स आपको “जस्ट ट्रांजिशन” पर एक ऑनलाइन और इंटरैक्टिव कार्यशाला में आमंत्रित करता है ताकि इससे मंथन से उपजे विचारों को मुख्यधारा में लाने पर विमर्श हो सके, मीडिया, भागीदारों और हितधारकों के साथ समानता की दिशा में रास्ता बनाने के लिए जुड़ाव को बढ़ावा दिया जा सके।

ऐसे समय में जब भारत अपने ऊर्जा के ढांचे में बदलाव लाते हुए उसे क्लीन एनर्जी की ओर ले जा रहा है और जलवायु परिवर्तन से उपजे वारों के चौराहे पर है, हमें अपनी आजीविका के लिए कोयले पर निर्भर श्रमिकों और समुदायों के भाग्य की रक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई और उनके लिए हितकारी बदलाव लाना चाहिए।

“जस्ट ट्रांजिशन” जलवायु परिवर्तन के विमर्श का एक महत्वपूर्ण घटक है, खासकर 2015 में पेरिस समझौते में शामिल होने के बाद से।

इन दिनों चल रहे आर्थिक संकट के बावजूद, हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता को समाप्त करना ही एकमात्र विकल्प है।

एजेंडा:

समय का नाम और सत्र
11:00-11:30 पूर्वाह्न परिचय और संदर्भ सेटिंग
आरती खोशला, निदेशक, क्लाइमेट ट्रेंड्स
11:30-12: 00 अपराह्न जस्ट ट्रांजिशन का परिचयसंदीप पई, सीनियर रिसर्च लीड, सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS)
12:00-12:30 अपराह्न जस्ट ट्रांजिशन मैकेनिज्मस्वाती डिसूजा, इंडिया लीड एनालिस्ट और इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) में कोऑर्डिनेटर
12.30-1: 00 अपराह्न झारखंड में ऊर्जा संक्रमण पर रिपोर्ट कैसे करें, मयंक अग्रवाल, योगदान संपादक, मोंगाबे
1:00-1:45 अपराह्न लंच ब्रेक
1:45-2.15 बजे ताप विद्युत संयंत्रों का विमोचन, कानूनी ढांचा डॉ राकेश कुमार। सिंह, प्रमुख, अनुसंधान प्रभाग, जीवन
2:15-2.55 अपराह्न जलवायु/ऊर्जा पत्रकारिता की बारीकियां, पिचिंग की कला, रिपोर्ट पैकेजिंग दिनेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
2.55-3:15 अपराह्न समापन टिप्पणी
आरती खोसला/शिवानी शाह/सीमा जावेद, जलवायु रुझान
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